क्या हम सिर्फ आम आदमी ही है ? यह सवाल हमारे मन के मंदिर में बार बार घंटी बजाता है फिर भी हम अपने मस्तिस्क को संतुलित बनाये रखते है।एक बार तो एक नालायक नेता के भासन सुनने के बाद तो ये सवाल मेरे मन के मंदिर में नगाड़ा बजाने लगा।हमारा काम तो सिर्फ वोट देना है बाकि सब काम तो नेता ही करते है।सिर्फ एक वोट के लिए वो दो तीन बार हमारा अंगूठा चाटते हैं और फिर हमारा बटुवा, इश देश का बटुवा । और बटुवा से निकला हुवा मलाई फिर कही दूर किसी कोने में दबा देते है।और फिर हमारे पास और हमारे देश के पास सिर्फ बटुवा ही बचता है जो सिर्फ देखने के लिए होता है, हाथी के दात के समान।
No comments:
Post a Comment